The Single Best Strategy To Use For sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥
नमस्ते शुंभहंत्र्यै च निशुंभासुरघातिनि ।
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
एडवर्टाइज विथ असप्राइवेसी पॉलिसीकॉन्टैक्ट अससेंड फीडबैकअबाउट असकरियर्स थीम
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
Swamiji states, “A persuasive desire is something which can make us stand up and also to the fullest potential assert ourselves for the furtherance with the objective. The crucial element is always to give attention to the mantras.”
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत check here का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.